बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्र के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- तटस्थता वक्र क्या है? उपभोक्ता के सन्तुलन को तटस्थता वक्र द्वारा समझाइये।
उत्तर-
एक तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के उन संयोगों की व्यक्त करता है जो उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्रदान करते हैं इसलिए उपभोक्ता उन संयोगों के चुनाव के प्रति उदासीन बना रहता है अर्थात वह उन सभी संयोगों को महत्व देता है। इस प्रकार उदासीनता वक्र या तटस्थता पर स्थित कोई भी बिन्दु उपभोक्ता के लिए समान महत्व का होता है। इस प्रकार उदासीनता वक्र पर स्थित कोई भी बिन्दु उपभोक्ता के लिए समान महत्व का होता है। यही कारण है कि उदासीनता बक्रो को सम सन्तुष्टि वक्र भी कहा जाता है।
प्रो. जे. के. ईस्थम के अनुसार "यह मालाओं के उन संयोगों को प्रर्दशित करने वाले बिन्दुओं का मार्ग (Locus) होता है जिनके प्रति उपभोक्ता उदासीन बना रहता है इसलिए उसे तटस्थता वक्र कहते हैं।"
तटस्थता वक्र द्वारा उपभोक्ता का संतुलन- तटस्थता तालिका वह तालिका होती है जिसमें दो वस्तुओं के उन विभिन्न संयोगों की दिखाया जाता है जो उपभोक्ता को समान रूप से संतुष्टि प्रदान करते है। जब उदासीनता तालिका के विभिन्न संयोगों को ग्राफ पेपर पर दर्शा दिया जाता है तो विभिन्न संयोग बिन्दुओं को मिलाने से जो रेखा तैयार होती है उसे ही तटस्थता वक्र कहते है।
यद्यपि विभिन्न वस्तुओं के असंख्य ऐसे संयोग तैयार किए जाते हैं जो उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्रदान करते हैं। लेकिन अपनी सुविधा एवं विश्लेषण की दृष्टि से हम यह मानकर चलेंगे कि उपभोक्ता केवल दो वस्तुओं में ही रुचि रखता है। उदाहरणार्थ हम दो वस्तुएँ सेव (X) तथा सन्तरे (Y) ले रहे हैं। इन दोनों वस्तुओं के आगे दिए गए विभिन्न संयोगो के प्रति हमारा उपभोक्ता पूरी तरह से तटस्थ क्योंकि उसे सभी संयोगों के प्रति समान सन्तुष्टि प्राप्त होती है-
संयोग | सेब (X) | संतरे (Y) |
I | 1 | 14 |
II | 2 | 10 |
III | 3 | 7 |
IV | 4 | 5 |
V | 5 | 4 |
इस तालिका में सेब और सतरों की मालाओं से बने हुए संयोग, उपभोक्ता को समान सतुष्टि प्रदान करते हैं। प्रथम संयोग में उपभोक्ता को 1 सेब और 14 संतरों से जितनी उपयोगिता प्राप्त होती है, ठीक उतनी ही उपयोगिता उसे 2 सेब और 10 सतरों से अन्य किसी भी संयोग से प्राप्त होगी। सरल शब्दों में हमारा उपभोक्ता सभी संयोगों में से किसी एक संयोग विशेष के चयन के प्रति उदासीन रहता है क्योंकि ये सभी संयोग उस समान संतुष्टि प्रदान करते हैं।
इन संयोगों को समीकरण के रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
संयोग संयोग क्रम
1x + 14y = प्रथम
2x + 10 y = द्वितीय
3x + 7 y = तृत्तीय
4x + 5y = चतुर्थ
5x + 4 y = पंचम
वास्तव मे यह उदासीनता तालिका किन्ही भी काल्पनिक सरचनाओं को लेकर बनायी जा सकती है। परन्तु इस सम्बन्ध में ध्यान देने योग्य बात यह
हैं कि इन दोनों वस्तुओं में से किसी एक वस्तु की मात्रा यदि बढ़ती हुई दिखायी गयी है तो दूसरी वस्तु की मात्रा घटती हुई होनी चाहिए। इसका प्रमुख कारण यह है कि उपभोक्ता के पास साधन Y वस्तु सीमित होते हैं। इसलिए यदि वह वस्तु की मात्रा बढ़ाता है तो इसे दूसरी वस्तु की मात्रा को कम करना पडता है। यह चित्र से स्पष्ट है-
चित्र में दिए गए संयोगों को दर्शाया गया है। चित्र (1) में ox अक्ष पर x वस्तु (सेव) तथा oy अक्ष पर y वस्तु सन्तरों की मात्रा को प्रर्दशित करता है। रेखाचित्र में A, B, C, D, E बिन्दु सेब तथा सन्तरों के विभिन्न सयोगों को व्यक्त करते है और इन्ही बिन्दुओ को मिला देने पर तटस्थता वक्र तैयार हो जाता है। इस तटस्थता वक्र पर पाँचों संयोगों में से उपभोक्ता द्वारा लिया गया कोई भी बिन्दु निश्चित रूप से उपभोक्ता को समान उपयोगिता प्रदान करेगा।
उदासीनता मानचित्र द्वारा उपभोक्ता संतुलन-
जब सन्तुष्टि के विभिन्न स्वरों को व्यक्त करने वाले विभिन्न तटस्थता वक्रों को एक ही चित्र में दिखाया जाता है तब उस चित्र को तटस्थता मानचित्र कहते हैं।
रेखाचित्र में 5 तटस्थता वक्रो को लेकर एक मानचित्र तैयार किया गया है।
इस सम्बन्ध में ध्यान देना चाहिए कि-
1. किसी एक तटस्थता वक्र पर स्थिति सभी बिन्दु उपभोक्ता का समान सन्तुष्टि प्रदान करते हैं।
2. प्रत्येक तटस्थता वक्र के सन्तुष्टि का स्तर अलग-अलग होगा।
3. जो तटस्थता वक्र मूल बिन्दु से जितना दूर होता जाता है अर्थात जैसे-जैसे बाएं से दाएं की ओर खिसकता जाता है उनसे मिलने वाली सन्तुष्टि उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है।
|
- प्रश्न- व्यष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- उत्पादन सम्भावना वक्र व अवसर लागत को समझाइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इनके प्रकार समझाइये। विभिन्न आर्थिक प्रणालियों में आने वाली समस्याएँ कौन-सी हैं तथा इनमें समस्याओं का समाधान बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली की परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणालियों के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली के कार्य अथवा अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ इंगित कीजिए। विभिन्न आर्थिक प्रणालियों में इनका समाधान कैसे होता है?
- प्रश्न- "चुनाव की समस्या एक आर्थिक समस्या है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चुनाव की समस्या को एक मितव्ययिता की समस्या क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- चुनाव की समस्या क्या है?
- प्रश्न- चुनाव की समस्या के आधार बताइए।
- प्रश्न- सूक्ष्म एवं व्यापक अर्थशास्त्र में भेद कीजिए।
- प्रश्न- दुर्लभता की समस्या बताइये।
- प्रश्न- माँग से आप क्या समझते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
- प्रश्न- माँग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- माँग के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- माँग तालिका से आप क्या समझते हैं? माँग तालिका तथा माँग वक्र में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- माँग तालिका से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- माँग तालिका तथा माँग वक्र में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। इस नियम की सीमाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- माँग के नियम का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- माँग के नियम की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम की सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- पूर्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ति तालिका किसे कहते है?
- प्रश्न- पूर्ति तालिका कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- पूर्ति का अर्थ स्पष्ट करते हुए यह बताइए कि पूर्ति तालिका किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- पूर्ति वक्र किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पूर्ति वक्र की मान्यताएं लिखिए।
- प्रश्न- पूर्ति वक्र किसे कहते है? इसकी मान्यताएं भी बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम के लागू होने के कारण सचित्र समझाइए।
- प्रश्न- क्या माँग-वक्र ऊपर भी उठ सकता है?
- प्रश्न- पूर्ति की रेखा ऊपर की ओर क्यों जाती है?
- प्रश्न- बाजार सन्तुलन को समझाइए।
- प्रश्न- माँग को प्रभावित करने वाले प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- माँग में विस्तार एवं माँग में वृद्धि को सचित्र समझाइए।
- प्रश्न- 'आय माँग वक्र' घनात्मक ढाल व्याख्या क्यों होता है?
- प्रश्न- बाजार बनाम व्यक्तिगत मांग' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पूर्ति में परिवर्तन से क्या आशय है?
- प्रश्न- पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- शून्य ढाल को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच को समझाइए।
- प्रश्न- माँग की कीमत लोच के भेद या श्रेणियाँ बताइये।
- प्रश्न- माँग की लोच को समझाइए तथा माँग की कीमत लोच की श्रेणियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की आनुपातिक विधि को बताइये।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की कुल व्यय विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की बिन्दु विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की सीमान्त आगम तथा औसत आगम विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग के नियम तथा माँग की लोच में अन्तर स्पष्ट कीजिए। माँग की लोच को कैसे मापा जा सकता है?
- प्रश्न- माँग की मूल्य सापेक्षता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "माँग की कीमत, लोच, आय और प्रतिस्थापन-लोच के बीच एक प्रकार की सन्धि है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- माँग की आय लोच की श्रेणियों को सचित्र समझाइये।
- प्रश्न- स्थानापन्न, पूरक तथा स्वतन्त्र वस्तुओं में मांग की आड़ी लोच को समझाइए।
- प्रश्न- माँग की लोच को प्रभावित करने वाले तत्व क्या हैं
- प्रश्न- माँग की लोच को मापने की मुख्य विधियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- माँग की लोच के विचार का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- उपयोगिता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उपयोगिता के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- उपयोगिता की विशेषतायें बताइए।
- प्रश्न- उपयोगिता का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके प्रकारों एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "जैसे-जैसे किसी वस्तु की अधिक इकाइयों का उपयोग किया जाता है तो कुल उपयोगिता अंत में घटती हुयी दर से बढती है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम के अपवाद तथा सीमाओं की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की मान्यताओं को बताइये।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की सीमाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "उपयोगिता एक क्रमवाचक विचार है न कि गणनावाचक विचार।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता व कुल उपयोगिता में सम्बन्ध समझाइए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता और कुल उपयोगिता में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र विश्लेषण की मान्यतायें बताइए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र विश्लेषण की विशेषताओं को बताइए।
- प्रश्न- कीमत प्रभाव से आप क्या समझते हैं? चित्र सहित समझाइये।
- प्रश्न- कीमत उपभोग वक्र को चित्र सहित समझाइये।
- प्रश्न- कीमत, आय एवं प्रतिस्थापन प्रभाव का सम्बन्ध दर्शाइये।
- प्रश्न- आय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आय प्रभाव कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन की लोच से आप क्या समझते है? यह कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन की लोच कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- घटती हुयी सीमान्त प्रतिस्थापन दर की सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र बाएं से दाएं नीचे की ओर गिरता है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र द्वारा उपभोक्ता सन्तुलन की शर्तों को समझाइए।
- प्रश्न- उपभोक्ता वेशी की परिभाषा दीजिए। इसे आप किस प्रकार मापेंगे?
- प्रश्न- तटस्थता वक्र क्या है? उपभोक्ता के सन्तुलन को तटस्थता वक्र द्वारा समझाइये।
- प्रश्न- बजट रेखा को समझाइये।
- प्रश्न- तटस्थता वक्रों से माँग वक्र का व्युत्पादन समझाइये।
- प्रश्न- उदासीनता वक्रों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उदासीनता वक्र विश्लेषण के दोष बताइए।
- प्रश्न- 'गिफिन वस्तुओं' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीमान्त प्रतिस्थापन पर घटती हुई क्यों होती है?
- प्रश्न- 'एंजेल वक्र' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्रों की सहायता से मूल्य प्रभाव का आय प्रभाव तथा प्रतिस्थापन प्रभाव में विखण्डन कीजिए। इसे x तथा y अक्ष पर कैसे प्रदर्शित किया जाएगा?
- प्रश्न- सीमान्त प्रतिस्थापन दर को समझाइए।
- प्रश्न- तटस्थता तालिका पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या आपके विचार से तटस्थ वक्र रेखा प्रणाली मार्शल के उपयोगिता विचार से श्रेष्ठ है? अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
- प्रश्न- किसी वस्तु की कीमत निर्धारण में समय तत्व के महत्व का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- आय प्रभाव ऋणात्मक भी हो सकता है। समझाइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त को रेखाचित्र की सहायता से समझाइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- उपभोग सिद्धान्त की आधारभूत प्रमेय बताइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की मार्शल के उपयोगिता विश्लेषण तथा जे आर हिक्स के उदासीनता वक्र विश्लेषण पर श्रेष्ठता बताइये।
- प्रश्न- उत्पादन फलन की व्याख्या कीजिए। अल्पावधि एवं दीर्घावधि के उत्पादन फलन में क्या अंतर है?
- प्रश्न- उत्पादन फलन की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- उत्पादन फलन की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उत्पादन फलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा उनकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्र की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों एवं उदासीनता वक्रों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- उत्पादन फलन कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अल्पकालीन उत्पादन फलन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- दीर्घकालीन उत्पादन फलन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋजु रेखाओं को समझाइए।
- प्रश्न- कॉब डगलस उत्पादन-फलन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "समोत्पाद वक्र का केवल वही भाग उत्पादन के लिये उपयुक्त है जो परिधि रेखाओं के बीच में आता है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उत्पत्ति वृद्धि नियम से आप क्य समझते हैं?
- प्रश्न- उत्पत्ति वृद्धि नियम की क्रियाशीलता के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील अनुपातों के नियम का कथन दीजिए और उसकी व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम की मान्यताओं को बताइये।
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम के क्षेत्र की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पति ह्रास नियम का क्या महत्व है?
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम का प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
- प्रश्न- परिवर्तनशील अनुपातों के नियम तथा पैमाने के प्रतिफल में क्या अन्तर है? सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पादन ह्रास नियम को समझाइये।
- प्रश्न- उत्पत्ति के नियम किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पैमाने के स्थिर प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- पैमाने के स्थिर प्रतिफल के कारण बताइये?
- प्रश्न- पैमाने के घटते हुए प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- पैमाने के घटते हुए प्रतिफल के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- पैमाने के प्रतिफल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बड़े पैमाने की उत्पत्ति से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- पैमाने के बढ़ते हुए प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- बढ़ते हुए पैमाने के प्रतिफल को लागू होने के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विस्तार पथ' की सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पैमाने के प्रतिफल के निर्धारक तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- मौद्रिक लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वास्तविक लागत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत के विचार की आलोचनायें कीजिए।
- प्रश्न- कुल लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्थायी लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परिवर्तनशील लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वास्तविक लागत तथा अवसर लागत के अन्तर स्पष्ट कीजिए। अवसर लागत के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त लागत का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- लागत वक्र U-आकृति के क्यों होते हैं?
- प्रश्न- औसत लागत वक्र तथा सीमान्त लागत वक्र का आकार की तरह क्यों होता है?
- प्रश्न- "परिवर्तनशील कुल लागत, कुल लागत तथा स्थिर लागत में अन्तर होता है।" चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य तल (Price Floors) को समझाइये।
- प्रश्न- मूल्य सीमा (Price Ceilings) को समझाइये।
- प्रश्न- बाजार से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- क्षेत्र के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- समय के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- प्रतियोगिता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के लिए किन-किन दशाओं की आवश्यकता है? समझाइये।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत फर्म के सन्तुलन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता में अल्पकाल में फर्म लाभ, हानि या शून्य लाभ किसी भी स्थिति को प्राप्त कर सकती है, किन्तु दीर्घकाल में वह केवल शून्य लाभ की ही स्थिति की प्राप्त करेगी। इस कथन को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण रूप से व्याख्या कीजिए कि पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत मूल्य का निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत दीर्घकाल में मूल्य कैसे निर्धारित होता है?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता एवं विशुद्ध प्रतियोगिता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "पूर्ण प्रतियोगिता की दशा में फर्म की समस्या केवल उत्पादन की मात्रा निर्धारित करना है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत माँग रेखा OX अक्ष रेखा के समान्तर होती है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अपूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता के अंतर्गत मूल्य निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता में फर्म के अल्पकालीन साम्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता में फर्म का दीर्घकालीन साम्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- एकाधिकार और एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता में अन्तर लिखें।
- प्रश्न- अल्पाधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अल्पाधिकार की विशेषतायें बताइए।
- प्रश्न- अल्पाधिकार के अन्तर्गत कीमत निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- अल्पाधिकारी फर्म अपने विक्रयों को कैसे अधिकतम करती है। बॉमोल का विक्रय अधिकतमीकरण मॉडल लाभ अधिकतमीकरण मॉडल से कैसे श्रेष्ठ है?
- प्रश्न- अल्पाधिकार के 'विकुंचित माँग वक्र' सिद्धान्त को समझाइए।
- प्रश्न- कूर्नो मॉडल की आलोचनाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- कम लागत कीमत नेतृत्व मॉडल समझाएँ।
- प्रश्न- कीमत दृढ़ता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बैरी मीट्रिक कीमत नेतृत्व मॉडल को समझाइए।
- प्रश्न- भेदभावपूर्ण एकाधिकार के अन्तर्गत मूल्य किस प्रकार निर्धारित होता है? मूल्य विभेद कब सम्भव एवं वांछनीय है?
- प्रश्न- एकाधिकार क्या है? एकाधिकार के अन्तर्गत कीमत का निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- क्या एकाधिकारी मूल्य सदैव प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य से ऊँचा रहता है?
- प्रश्न- एकाधिकार शक्ति की माप पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कीमत विभेद से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- कीमत विभेद कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- कीमत विभेद के लाभ बताइए।
- प्रश्न- कीमत विभेद से हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- विभेदकारी एकाधिकार क्या है? विभेदकारी एकाधिकारी बाजार में कीमत उत्पादन का निर्णय कैसे करता है?
- प्रश्न- राशिपातन कीमत विभेद की एक विशिष्ट दशा है। समझाइये।
- प्रश्न- सीमान्त लागत मूल्य निर्धारण के लाभ एवं हानियाँ का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बाह्यताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त लागत मूल्य निर्धारण क्या है?
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- प्रतिकूल चयन का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- नैतिक खतरा क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिकूल चयन और नैतिक जोखिम के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक चयन का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- अपूर्ण सूचना क्या है?
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- सीमान्त भौतिक उत्पादकता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वितरण का आधुनिक सिद्धान्त समझाइए।
- प्रश्न- "वितरण का सिद्धान्त मुख्यतः एक मूल्य सिद्धान्त है।' विवेचना कीजिए तथा परीक्षण कीजिए कहाँ तक मूल्य का सिद्धान्त वितरण के सिद्धान्त में प्रयोग किया जा सकता है?
- प्रश्न- मजदूरी के आधुनिक सिद्धान्त को समझाइये।
- प्रश्न- मजदूरी किस प्रकार निर्धारित होती है? श्रम संघ मजदूरी की दर को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त के प्रमुख तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लगान उत्पन्न होने के कारणों को बताइए।
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मजदूरी क्या है? इसको प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन से क्या आप समझते हैं? वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पैरेटो अनुकूलतम से क्या अभिप्राय है? उपयुक्त चित्रों द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रतियोगी बाजार में पैरेटो द्वारा निर्धारित 'सर्वोत्तम संयोग' की शर्तों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को समझाइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र की प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र वास्तविक अर्थशास्त्र से किस प्रकार से भिन्न है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. पीगू द्वारा सामान्य कल्याण एवं आर्थिक कल्याण में भेद को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत कल्याण तथा सामाजिक कल्याण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या सामाजिक कल्याण की माप सम्भव है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो का कल्याणकारी अर्थशास्त्र स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो की अनुकूलतम मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन किस प्रकार मूल्य निर्णयों पर आधारित है?
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- नवीन कल्याणकारी अर्थशास्त्र क्या है? व इसकी मान्यताएँ क्या है?